उत्तराखंड में महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा हैं,अभी हाल ही में पौड़ी गढ़वाल में हुए अंकिता हत्याकांड ने राज्य में महिला सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इसके बाद भी भले ही सरकार महिलाओं को सुरक्षा मुहैया करवाने के लाख दावे क्यों न कर ले फिर भी महिलाऐं न तो प्राइवेट सेक्टर में सुरक्षित हैं, न ही सरकारी में।
जिसका ताजा उदाहरण अल्मोड़ा जिले के भुजान स्थित अटल उत्कृष्ट राजकीय विद्यालय का हैं,जहां तैनात महिला प्रवक्ता के साथ उसके साथी पुरुष प्रवक्ता ने छेड़छाड़ और अभद्रता की, लेकिन जब शिक्षिका ने इसके खिलाफ आवाज उठाई तो न्याय की जगह उन्हें तबादला मिला।
बता दे की नैनीताल निवासी मृणाल नेगी जो रानीखेत के भुजान में उत्कृष्ट राजकीय विद्यालय में अंग्रेजी की प्रवक्ता है। पिछले कई महीनों से मृणाल को उनके ही विद्यालय के हिंदी प्रवक्ता मिथिलेश्वर सिंह छेड़छाड़, शोषण,अभद्रता, और गंदी गाली गलौज कर परेशान कर रहे है। मृणाल का कहना है कि मिथिलेश्वर सिंह उनके बॉडी पार्ट्स पर भी भद्दे कमेंट्स करते है इसका विरोध करने पर उन्होनें मृणाल के खिलाफ जाल बिछाना शुरू कर दिया,और विद्यालय की एक महिला और प्रिंसिपल का झगड़ा जब हुआ तब मृणाल के ऊपर भी एसटी एक्ट में मुकदमा दायर करवा दिया।
मृणाल ने मामले की शिकायत पुलिस से की पहले मामला राजस्व पुलिस के पास था जब आवाज़ इंडिया न्यूज की दखल हुई तब मामला रेगुलर पुलिस को ट्रांसफर किया गया।
मृणाल ने बताया कि 2 अक्टूबर को जब गांधी जयंती पर विद्यालय में प्रभात फेरी निकलनी चाहिए थी तब एक विद्यार्थी भी विद्यालय नही पहुंचा ठीक उसी दिन गांव के कुछ लड़के मृणाल के खिलाफ नारेबाजी करते है गेट पर तालाबंदी करते है और मृणाल को विद्यालय से निकलने नही देते ये सब एक सोची समझी साजिश के तहत किया गया जिसकी जांच अब तक नही हुई।

मामले में अब मुख्य शिक्षा अधिकारी खण्ड शिक्षा अधिकारी को दोषियो के साथ साथ पीड़िता के भी दुर्गम क्षेत्र में ट्रांसफर करने के आदेश दे दिए है। इस आदेश से मृणाल खुद को ठगा हुआ सा महसूस कर रही है।उनका कहना है कि अगर कोई महिला छेड़छाड़ अभद्रता गाली गलौज बर्दाश्त करती रहे तो ठीक है,अगर महिला विरोध करे तो उसका ट्रांसफर दुर्गम क्षेत्र में कर दिया जाएगा ये न्याय नही अन्याय है।
