नैनीताल- राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह के पहली बार राजभवन आगमन पर आयोजित पत्रकार वार्ता आईपीएस अधिकारी द्वारा की गई अभद्रता की भेंट चढ़ गई।
आईपीएस अधिकारी रचिता के द्वारा पत्रकारों का राज्यपाल की पत्रकार वार्ता से पहले न केवल पत्रकारों को रोका गया, वरन अभद्रता भी की गई। इससे पत्रकारों को राज्यपाल की पत्रकार वार्ता किए बिना वापस लौटना पड़ा। इससे राज्य सरकार एवं राजभवन की गरिमा को ठेस पहुंची, एवं महामहिम राज्यपाल की ओर से राज्य की जनता को दिया जाने वाला संदेश राज्य की जनता तक नहीं पहुंच पाया।
हुआ यह कि राज्यपाल की पत्रकार वार्ता साढ़े तीन बजे आहूत की गई। इस पर दिन भर के समाचारों को लिखने का समय होने के बावजूद बड़ी संख्या में पत्रकार अपने सभी महत्वपूर्ण कार्य छोड़कर राजभवन पहुंचे, किंतु उन्हें राजभवन के बाहरी गेट पर ही रोक दिया गया। इससे कुछ पत्रकार राजभवन के बाहरी गेट से ही वापस लौटने को मजबूर हुए। बाद में पत्रकार अधिकारियों की विशेष अनुमति के बाद राजभवन के प्रांगण तक पहुंचे। यहां साढ़े चार बजे तक पत्रकारों को ऐसे महत्वपूर्ण समय में भी एक घंटे पत्रकार वार्ता का इंतजार करना पड़ा। ठीक करीब साढ़े चार बजे जिला सहायक सूचना अधिकारी द्वारा पत्रकार वार्ता के लिए आमंत्रित किया जो आईपीएस रचिता के द्वारा पत्रकारों को राजभवन के गेट पर ही रोक दिया गया। वह कहने लगीं-‘यहीं बाइट-वाइट जो लेनी हो ले लो’। इस पर जब उनसे नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स इंडिया के जिलाध्यक्ष डॉ. नवीन जोशी ने कहा कि महामहिम की पत्रकार वार्ता तो बैठकर होनी चाहिए। तो बोलीं, पत्रकार वार्ता तो यहीं होगी, आप जाइए। वह मातहतों को पत्रकार जोशी को बाहर करने को निर्देशित करने लगीं। इस पर पत्रकार आक्रोशित हो गए। इस पर उन्होंने सभी पत्रकारों से जाने को कहा। इस पर पत्रकार बिना राज्यपाल की पत्रकार वार्ता किए वापस लौट आए।
इस प्रकार एक अधिकारी द्वारा की गई अभद्रता से कल्याणकारी राज्य, उसके अधिकारियों, खासकर पुलिस अधिकारियों एवं राज्यपाल तथा राजभवन की गरिमा को नुकसान पहुंचा। इस घटना पर नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश जोशी व कुमाऊं मंडल अध्यक्ष दिनेश जोशी सहित समस्त वरिष्ठ पदाधिकारियों ने आईपीएस अधिकारी रचिता द्वारा की गई अभद्रता की कड़े शब्दों में निंदा की है।