नैनीताल : डीएसबी परिसर में स्किन केयर कार्यशाला का हुआ आयोजन

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नैनीताल। कुमाऊं विश्वविद्यालय के डीएसबी परिसर के विज्ञान के गुरुजनों और छात्र- छात्राओं के लिए स्किन केयर पर विशेष कार्यशाला का आयोजन विश्वविद्यालय की इनोवेशन एंड इंक्यूबशन सेल, रसायन विज्ञान विभाग और इंटरनल क्वालिटी एश्योरेंस सेल मिलकर किया गया।

इससे पूर्व कार्यशाला का शुभारंभ कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.दीवान सिंह रावत ने किया। रसायन विज्ञान विभाग की प्रयोगशाला में आयोजित की जा रही कार्यशाला का विषय त्वचा की देखभाल के लिए प्राकृतिक और हस्तनिर्मित पर्यावरण अनुकूल और टिकाऊ तकनीक रखा गया था। कार्यशाला में विशेषज्ञ के तौर पर दिल्ली विश्वविद्यालय के मैत्त्रेयी कॉलेज की प्रो. हेमा भंडारी को आमंत्रित किया गया था। कार्यशाल में प्रो. भंडारी ने दाढ़ी बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले हर्बल व केमिकल फ्र ी साबुन तथा हर्बल फेशियल किट, बर्तन और फ ल सब्जियां साफ करने का साबुन तथा हर्बल लिप बाम बनाना सिखाया।

प्रो.भंडारी ने प्रतिभागियों को सामान्य रासायनिक क्रियाओं के जरिये नहाने तथा कपड़े और बर्तन धोने के साबुन बनाने की विधियां सिखाईं, उन्होंने कहा कि हमारी स्किन से जुड़े उत्पादों में हानिकारक केमिकल्स होने की आशंका बहुत अधिक होती है ऐसे में बेहद कम संसाधनों और आसान तारीकों से केमिकल रहित स्किन केयर उत्पाद बनाये जा सकते हैं। ये उत्पाद पूरी तरह प्राकृतिक होंगे और इनमें किसी भी तरह से हानिकारक तत्व भी नहीं होंगे।

इस मौके पर कुलपति प्रो.दीवान सिंह रावत ने कहा कि कार्यशाला से सीखकर अगर कोई प्रतिभागी नया उत्पाद बनाता है तो उसे विश्वविद्यालय की तरफ से नगद पुरस्कार के साथ ही आगे बढऩे के लिए हर संभव सहयोग किया जायेगा। परिसर निदेशक प्रो. नीता बोरा शर्मा ने कार्यशाला के आयोजन के लिए शुभकामनाएं दीं जबकि विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. चित्रा पांडे ने कहा कुलपति प्रो.रावत की पहल से इस विशेष कार्यशाला का आयोजन हो पा रहा है।

उन्होंने बीएससी तथा एमएससी की छात्र-छात्राओं और शोधार्थियों को ऐसी कार्यशालाओं में ज्यादा से ज्यादा प्रतिभाग करने को कहा, कहा कि इस तरह का शोध और उसके परिणाम आने वाले वक्त की मांग हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जैव विविधताओं से भरपूर है, ऐसे में प्रकृति के इस वरदान को आने वाली पीढियों के लिए सकारात्मक तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।कार्यशाला के दौरान कई गुरुजन,शोधार्थी व छात्र-छात्राएं मौजूद रही। संचालन डॉ. निधि वर्मा ने किया।


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