भीमताल डैम को बचाने के लिए राज्य सरकार अलर्ट मोड पर! डैम की बुनियाद में लगेगा सिस्मोग्राफ व टोमोग्राफी सिस्टम

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वर्ष 1880 में बने भीमताल के डैम को बचाने के लिए अब राज्य सरकार समेत सिंचाई विभाग अलर्ट मोड में है। सिंचाई विभाग ने भीमताल डैम का प्रारंभिक अध्ययन कर उसकी कार्ययोजना बना ली है।

सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता एके वर्मा ने बताया कि भीमताल डैम के अस्तित्व को कायम रखने के लिए फ्लड स्टडी और डिजाइन पर कार्य किया जा रहा है। प्रारंभिक कार्यों के आधार पर भीमताल डैम की बुनियाद में सिस्मोग्राफ और सोनिक टोमो यंत्र लगाया जाएगा, जिससे लगातार आने वाले भूकंप की जानकारी और डैम की बुनियाद की ताकत का पता चलता रहेगा। क्योंकि लगातार क्षेत्र में आ रहे भूकंप और डैम की कमजोर होती नींव को देखते हुए सिस्मोग्राफ यंत्र और सोनिक टोमो यंत्र लगाना बेहद आवश्यक है। इससे आने वाले समय में पता चल सकेगा डैम कितना सुरक्षित है उसकी उम्र कितनी है। सिंचाई विभाग ने डैम को सुरक्षित रखने के लिए प्रारंभिक रूप से किए गए अध्ययन के बाद दो करोड़ की लागत से सोनिक टोमोग्राफी और सिस्मोग्राफ यंत्र लगाने का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है। शासन से अनुमति और बजट मिलने के बाद भी डैम की बुनियाद में काम शुरू कर दिया जाएगा। डैम की रिपोर्ट तैयार कर रहे सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता दिनेश सिंह ने बताया कि डैम मे पड़ रही दरार और डैम से हो रहे पानी के रिसाव, डैम की संरचना, पानी के दबाव की क्षमता, डैम की उम्र के आधार पर डैम का अध्ययन किया जा रहा है।

 


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