नैनीताल हाईकोर्ट शिफ्ट किए जाने के फैसले का अधिवक्ताओं ने किया स्वागत, व्यापक स्तर पर चलाया हस्ताक्षर अभियान

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हाईकोर्ट नैनीताल के अधिवक्ताओं के एक बड़े वर्ग ने आज हाईकोर्ट नैनीताल से शिफ्ट करने के राज्य सरकार के प्रयासों और 27 सितंबर को जारी शासनादेश के प्रति अपना हर्ष व्यक्त किया और मिष्ठान वितरित किया और हाईकोर्ट शिफ्ट किए जाने का स्वागत किया गया।
इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा नोडल अधिकारी नियुक्त किये जाने और अवस्थापना की सुविधायें स्थापित करने हेतु की गई कार्यवाही पर भारत के मुख्य न्यायाधीश, प्रधानमंत्री, कानून मंत्री , उत्तराखंड के चीफ जस्टिस और मुख्यमंत्री उत्तराखंड का धन्यवाद भी ज्ञापित किया। धन्यवाद ज्ञापन में हाईकोर्ट के विस्तार और बोझ के कारण नैनीताल जैसे छोटे पहाड़ी शहर पर दबाव और इतने बड़े संस्थान के विस्तार के कारण अन्य विभागों के शहर से पलायन, आवास, आवागमन, अवस्थापना, पर्यावरणीय क्षति जैसे मुद्दों के हाईकोर्ट अन्यत्र स्थापित होने से हल होने की आशा व्यक्त की गई। अधिवक्ताओं का यह भी कहना था की पर्वतीय क्षेत्र से आने वाले वादकारियों नैनीताल जैसे पर्यटक शहर में न तो सस्ते आवागमन के साधन मिलते हैं और न ही सस्ते होटल मिल पाते हैं। हाईकोर्ट के कारण सैकड़ों गाड़ियों का बोझ, हजारों कर्मचारियों और अधिवक्ताओं के लिए आवासों की कमी झेलने के लिए नैनीताल अनुकूल नहीं है साथ ही वादकारियों के लिए दुरूह और खर्चीला स्थल है। इस बारे में सरकार और न्यायालय द्वारा किए गए प्रयासों के प्रति आभार व्यक्त किया गया और आशा जताई गई कि हाईकोर्ट स्थानांतरित होने पर अधिवक्ताओं, वादकारियों और स्टाफ की समस्याओं का समाधान होगा साथ ही एक नए क्षेत्र का विकास और रोजगार के साधन बढ़ेंगे।
समाचार लिखे जाने तक 2 घंटे में ही 110 से अधिक अधिवक्ता ज्ञापन के समर्थन में हस्ताक्षर कर चुके थे और हस्ताक्षर किए जाने का क्रम जारी है। धन्यवाद ज्ञापित करने वालों में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एमसी कांडपाल, बार के पूर्व महासचिव और कॉंग्रेस विधि प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश चंद्र भट्ट, बार के पूर्व अध्यक्ष व पूर्व महाधिवक्ता बीबीएस नेगी, हाईकोर्ट बार के पूर्व महासचिव एसएस चौहान,हाईकोर्ट बार के पूर्व अध्यक्ष केएस बोरा, पूर्व अध्यक्ष ललित बेलवाल वरिष्ठ अधिवक्ता बीडी उपाध्याय, पूर्व सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया अरविंद वशिष्ठ, वरिष्ठ अधिवक्ता राजेंद्र डोबाल, उप महाधिवक्ता एनएस पुंडीर, सीके शर्मा, पूर्व महासचिव कुर्बान अली, पूर्व महासचिव विनोद तिवारी, उपमहाधिवक्ता ममता बिष्ट, सहित अनेकों अधिवक्ता शामिल थे।


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