नैनीताल: कुविवि में आयोजित हुआ प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान योजना का डिजिटल लोकार्पण कार्यक्रम

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नैनीताल। उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम उषा) शुरू किया गया है एवं इस वर्ष प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम-उषा) के तहत देश के 26 विश्वविद्यालयों को अपने शैक्षणिक बुनियादी ढांचे, अनुसंधान क्षमताओं और समग्र शैक्षिक पारिस्थितिकी तंत्र को सशक्त बनाने के लिए 100 करोड़ की वित्तीय सहायता प्राप्त हुई है।
मल्टीपल डिसीप्लीनरी एजुकेशन और रिसर्च यूनिवर्सिटीज (मेरू) कैटेगरी में उत्तराखंड राज्य में कुमाऊं विश्वविद्यालय को प्रयोगशालाओं को उन्नत करने, कक्षाओं को आधुनिक बनाने, नवाचार केंद्रों को बढ़ावा देने और अंतः विषय अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए 100 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं।

उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के मार्गदर्शन में कुमाऊँ विश्वविद्यालय द्वारा इस श्रेणी के लिए प्रस्ताव तैयार किया था। प्रस्ताव का गहन परिक्षण मंत्री के दिशा निर्देश पर सचिव उच्च शिक्षा एवं रूस सलाहकारों के सयुंक्त समिति द्वारा किया गया। समिति के सुझावों पर कुमाऊँ विश्वविद्यालय द्वारा संशोधित प्रस्ताव प्रेषित किया था जिसका सचिव उच्च शिक्षा द्वारा केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के समक्ष प्रस्तुतीकरण किया गया।

शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा कुमाऊँ विश्वविद्यालय को 100 करोड़ रुपए का अनुदान प्राप्त होने पर विश्वविद्यालय द्वारा मंगलवार, 20 फरवरी को यूजीसी-मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र के सभागार में प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान योजना (पीएम- उषा) का डिजिटल लोकार्पण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसको वर्चुअल माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय रक्षा व पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट द्वारा सम्बोधित किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़े और उनके द्वारा आनलाइन मोड में पीएम उषा योजना के तहत 78 परियोजनाओं का शुभारंभ किया।

कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से जुड़े माननीय केंद्रीय रक्षा व पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि 100 करोड़ की यह धनराशि कुमाऊं विश्वविद्यालय की विकास यात्रा में अहम भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को यह गौरवपूर्ण उपलब्धि कुलपति प्रो.दीवान सिंह रावत के नेतृत्व में उनके द्वारा किए गए प्रयासों से ही मिली है। उन्होंने कहा कि यह अनुदान कुमाऊं विश्वविद्यालय को उत्कृष्टता की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इससे न केवल हमारे वर्तमान छात्रों और संकाय को लाभ होगा बल्कि देश के ज्ञान परिदृश्य में भी योगदान मिलेगा।

इस अवसर पर कुलपति प्रो. दीवान सिंह रावत ने कहा कि कुमाऊँ विश्वविद्यालय इस अनुदान का प्राप्तकर्ता होने पर सम्मानित महसूस कर रहा है, जिसका निसंदेह शैक्षणिक समुदाय और क्षेत्र पर स्थायी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। केंद्र सरकार की ओर से विश्वविद्यालय के लिए जारी यह राशि विश्वविद्यालय के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने बताया कि मल्टीपल डिसीप्लीनरी एजुकेशन और रिसर्च यूनिवर्सिटीज (मेरू) के अंतर्गत कुमाऊँ विश्वविद्यालय द्वारा सेंटर फॉर सस्टेनेबल अर्बन डेवलपमेंट, सेंटर फॉर प्रोफेशनल डेवलपमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप, सेंटर फॉर नॉन कन्वेंशनल एनर्जी स्टडीज, सेंटर फॉर डिजास्टर मैनेजमेंट, सेंटर फॉर एडवांस कंप्यूटिंग, सेंटर फॉर एक्सीलेंस  इन हिमालयन मेडिसिनल प्लांट्स एंड वैलनेस लाइफस्टाइल, फैकल्टी ऑफ़ लॉ एंड एजुकेशन, फैकल्टी ऑफ़ बायोमेडिकल साइंसेज एंड नैनोटेक्नोलाजी, सेंट्रलाइज्ड इंस्ट्रूमेंटेशन फैसिलिटी आदि शोध एवं अकादमिक केन्दों की स्थापना प्रस्तावित हैं।

कुलपति प्रो.रावत ने कहा कि विश्वविद्यालय का लक्ष्य अनुसंधान और नवाचार के लिए एक सक्षम वातावरण बनाना है, जिससे विश्वविद्यालय और उसके संबद्ध कॉलेजों दोनों को लाभ हो।

इस अवसर पर कृषि उत्पादन एवं विपणन बोर्ड (मंडी) के अध्यक्ष डॉ.अनिल डब्बू, उत्तराखंड पेयजल अनुश्रवण समिति के उपाध्यक्ष दिनेश आर्य, गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान के निदेशक प्रो. सुनील नौटियाल, निदेशक डीएसबी परिसर प्रो.नीता बोरा शर्मा, जिलाध्यक्ष भाजपा प्रताप बिष्ट, पूर्व विधायक डॉ. नारायण सिंह जंतवाल, संकायाध्यक्ष वाणिज्य प्रो.अतुल जोशी, संकायाध्यक्ष कला प्रो.पदम सिंह बिष्ट, संकायाध्यक्ष विज्ञान प्रो. चित्रा पांडे, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. संजय पंत, निदेशक आईक्यूएसी प्रो.संतोष कुमार, निदेशक शोध एवं प्रसार प्रो. नन्द गोपाल साहू, कुलसचिव  दिनेश चंद्रा, वित्त नियंत्रक अनीता आर्या, परीक्षा नियंत्रक डॉ. महेंद्र राणा, डॉ. रितेश साह आदि उपस्थित रहे। बैठक में सम्बद्ध महाविद्यालयों एवं निजी संस्थानों के प्राचार्य एवं निदेशक भी ऑनलाइन माध्यम से उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सञ्चालन प्रो. दिव्या उपाध्याय द्वारा किया गया।


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