नैनीताल में भूस्खलन, लोगों में दहशत का माहौल

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नैनीताल । लगातार हो रही बारिश की वजह से नैनीताल का चॉर्टन लौज क्षेत्र एक बार फिर से दशहत का माहौल बन गया है। शनिवार की शाम को क्षेत्र में भू-कटाव होने से भारी मलबा नीचे गिरने लगा जिसमें जियो बैग की दीवार भी ध्वस्त हो गई। पहाड़ी से लगातार मलबा गिरने से ऊपर स्थित बीस से ज्यादा भवन फि र एक बार खतरे की जद में आ गए हैं। दूसरी ओर भू:स्खलन की सूचना मिलने के बाद उप जिलाधिकारी प्रमोद कुमार मय राजस्व टीम के साथ मौके पर पहुंच गए हैं। जहां से खतरे की जद में रह रहे लोगों को अन्यत्र विस्थापित करने की कवायद की जा रही है।

बता दें कि बरसात की शुरूआत में ही भारी बारिश के चलते चार्टन लॉज क्षेत्र में भू:स्खलन शुरू हो गया है। पूर्व में जियो बैग की दीवार व तिरपाल भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में भूस्खलन होने से नहीं रोक पाई। दस माह बाद भी प्रभावित क्षेत्र को स्थाई उपचार नहीं मिलने से अस्थाई दीवार टूट गई है। वहीं बारिश से क्षेत्र की रोकथाम के लिए लगाए गए तिरपाल भी फट गए। जिसके चलते बीस से ज्यादा भवन खतरे की जद में आ गए हैं। भूस्खलन की सूचना के बाद प्रशासन की टीम मौका मुआयना कर खतरे की जद में रह रहे लोगों को विस्थापित करने में जुट गई है। वहीं लोग क्षेत्र में अपनी आंखे टिकाए बैठे हैं।

  1. बता दें कि बीते वर्ष सितंबर माह में चार्टन लॉज में भारी भूस्खलन हुआ था। जिसमें दो मंजिला भवन पूरी तरह ध्वस्त हो गया था साथ ही ऊपर स्थित कई आवासीय भवनों में दरारें उभर आई थी। जिसके बाद प्रशासन की ओर से तत्कालिक राहत के तौर पर 24 परिवारों को अन्यत्र विस्थापित किया था। बरसात खत्म होने के बाद लोनिवि ने जियो बैग से अस्थाई दीवार बनाकर भूस्खलन की रोकथाम की। जिसके बाद से अब तक पहाड़ी को स्थाई उपचार नहीं मिल पाया था। जबकि लोगों ने कई बार प्रशासन से पहाड़ी की उपचार की मांग की लेकिन उसके बाद भी प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई।

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