हल्द्वानी–उत्तराखंड सेवा का अधिकार अधिनियम 2011 के अन्तर्गत आयोजित जनपद स्तरीय कार्यशाला में प्रथम एवं द्वितीय अपीलीय प्राधिकारियों समेत 36 विभागों के अधिकारियों को दिया गया प्रशिक्षण

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हल्द्वानी। उत्तराखंड सेवा का अधिकार अधिनियम 2011 के अन्तर्गत आयोजित जनपद स्तरीय कार्यशाला बागजाला सभागार में उप रजिस्ट्रार सुन्दर लाल एवं सहायक रजिस्ट्रार एसएस कण्डवाल द्वारा प्रथम एवं द्वितीय अपीलीय प्राधिकारियों सहित 36 विभागों के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया। उप रजिस्ट्रार सुन्दर लाल एवं सर्वप्रथम आयोग के पदाधिकारी द्वारा सीटिजन चार्टर के बारे मे बताया कि सेवा का अधिकार अधिनियम 2011 के तहत् दी जाने वाली सेवाओं के बारे मे सभी विभागों के साथ विस्तार से चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि अधिनियम का उद्देश्य नागरिको को विभिन्न विभागो से ली जाने वाली सेवाओं के संबंध में जानकारियों को उपलब्ध कराना था।
लाल ने कहा कि आयोग द्वारा सेवा का अधिकार अधिनियम 2011 में भारत में 1997 मे लाया गया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश पहला राज्य बना हैं जिसने 2010 में अधिनियम लागू किया गया। उत्तराखण्ड मे इसे सेवा का अधिकार के नाम से जाना जाता है इस अधिनियम के अन्तर्गत 36 विभाग सेवाएं दे रहे है। जिसके अंतर्गत 401 सेवाएं है सन् 2014-15 में अधिनियम के अन्तर्गत तीव्र गति से कार्य हुआ। इस अधिनियम मे 84 सेवाएं ऑनलाइन चलाई जा रही है जिसमे रूपया 30 शुल्क निर्धारित है इसके अन्तर्गत कोई भी नागरिक सेवा चाहने वाला पदाभिहित अधिकारी को आवेदन भेजता है अगर पदाभिहित अधिकारी को लगता है कि उस नागरिक को सेवा नही दिया जा सकता हैं तो पदाभिहित अधिकारी सकारण उसे सेवा न दिए जाने कारण बताता है अगर इसमे पात्र व्यक्ति को लगता है कि उसे सेवा न दी गई तो वह 30 दिन मे प्रथम अपीलीय अधिकारी के समक्ष आवेदन दे सकता हैं, अगर उसे फिर भी लगता है कि सेवा न दी गई हैं तो वह द्वितीय अपीलीय अधिकारी के पास आवेदन कर सकता हैं।
सेवा के अधिकार के अधिनियम-2011 के अन्तर्गत अधिकारी 7 दिन मे उसे जवाब दे देगा अगर सूचना चाहने वाले व्यक्ति को लगता है कि उसे जवाब नही मिला तो वह आयोग के पास जा सकता है आयोग उसे निश्चित समयावधि मे जवाब देगा, अधिनियम के अन्तर्गत धाराओं का भी प्रावधान किया गया है तथा अन्त मे विभिन्न विभागों से आए प्रतिनिधियो ने अपने अपने विभागों के मुद्दों को उपस्थित आयोग के प्रति निधि के समक्ष रखा व आयोग के द्वारा उन्हे निस्तारण का आश्वासन मिला ।

कार्यशाला में अपर चिकित्साधिकारी डॉ. रश्मि पंत, आरटीओ संदीप सैन, पुलिस अधीक्षक हरवंश सिंह,डीडीओ गोपाल गिरी, जिला क्रार्यक्रम अधिकारी मुकुल चौधरी, उपजिलाधिकारी योगश मेहरा, तहसीलदार संजय कुमार, तान्या रजवार,सीएमएस उषा जंगपांगी आदि सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।


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