मुखीमठ( उत्तरकाशी):::- श्री गंगोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया शनिवार 22 अप्रैल को दिन में 12 :35 मिनट पर खुलेंगे। आज नवसंवत्सर चैत्र नवरात्रि के शुभ अवसर पर मां गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखवा ( मुखीमठ) में 108 गंगोत्री मंदिर समिति द्वारा मां गंगा भगवती दुर्गा की पूजा अर्चना के पश्चात विधि विधान पंचाग गणना के पश्चात विद्वान आचार्यों- तीर्थपुरोहितों द्वारा श्री गंगोत्री धाम के कपाट खुलने की तिथि तथा समय तय किया गया। तथा श्री 108 गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष एवं तीर्थ पुरोहित हरीश सेमवाल तथा मंदिर समिति सचिव,तीर्थ पुरोहित सुरेश सेमवाल ने विधिवत कपाट खुलने की तिथि की विधिवत घोषणा की।
मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि इस अवसर पर मां गंगा की उत्सव डोली के धाम प्रस्थान का भी कार्यक्रम तय हुआ। शुक्रवार 21 अप्रैल को मां गंगा की उत्सव डोली समारोह पूर्वक सेना के बेंड के साथ मुखीमठ से प्रस्थान कर भैरवनाथ जी के मंदिर भैंरो घाटी प्रवास के लिए पहुंचेगी। 22 अप्रैल को भैंरो घाटी से मां गंगा की डोली 9:30 बजे प्रात: तक गंगोत्री धाम पहुंच जायेगी तथा 22 अप्रैल को दिन में 12 बजकर 35 मिनट पर श्री गंगोत्री मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जायेंगे।
कपाट खुलने की तिथि तय होने के अवसर पर मंदिर समिति अध्यक्ष हरीश सेमवाल, सचिव सुरेश सेमवाल, कोषाध्यक्ष महेश सेमवाल,उमेश सेमवाल,मंद्राचल सेमवाल,गिरीश सेमवाल, वसुदेव सेमवाल मौजूद रहे।
यहां यह उल्लेखनीय है कि मां यमुना के कपाट भी अक्षय तृतीया के दिन खुलते है। यमुना जयंती के अवसर पर कपाट खुलने की तिथि समय की विधिवत घोषणा होगी। वही श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल प्रात: 7 बजकर दस मिनट तथा श्री केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल प्रात: 6:20 मिनट पर श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खुलेंगे।
चारधाम यात्रा प्रशासन संगठन के विशेष कार्याधिकारी, अपर आयुक्त गढ़वाल नरेन्द्र सिंह क्वीरियाल ने बताया कि चारों धामों में सभी विभागों को यात्रा संबंधित तैयारियां तथा कार्य को 15 अप्रैल तक पूरा किये जाने हेतु गढवाल कमिश्नर, अध्यक्ष यात्रा प्रशासन संगठन सुशील कुमार द्वारा जिलाधिकारी चमोली , रूद्रप्रयाग तथा उत्तरकाशी को निर्देश के दिये हैं।
यात्रा प्रशासन संगठन के वैयक्तिक सहायक अरविंद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि शासन के दिशा-निर्देश पर ऋषिकेश में चारधाम यात्रा ट्रांजिट केंप में चारधाम यात्रा से पहले आवश्यक यात्री सुविथायें जुटायी जा रही है।