नैनीताल- उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर व लोक कलाओं के संरक्षण को लेकर किया गया विचार मंथन

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नैनीताल। उत्तराखंड की पारंपरिक लोक कलाओं व सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण को लेकर अपनी धरोहर संस्था द्वारा बुधवार को राज्य अतिथि सभागार में विचार मंथन का आयोजन किया गया। इस विचार मंथन में समाज के विभिन्न क्षेत्रों में श्रेष्ठ कार्य करने वाले लोगों ने अपने विचार रखे।
राज्य अतिथि सभागार में आयोजित इस विचार मंथन कार्यक्रम का शुभारम्भ संस्था के अध्यक्ष पूर्व आईजी गणेश मर्तोलिया द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।

इस दौरान गणेश मर्तोलिया ने बताया की कार्यक्रम में मुख्य रूप से पांच बिंदुओं पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई।
जिसमें गोल्ज्यू सन्देश यात्रा जो कि नेपाल से शुरू होकर कुमाँऊ से लेकर गढ़वाल तक आयोजित की जाएगी,
साथ ही दूरस्थ स्थानों पर अव्यवस्थित गांवो जिनकी स्थिति आज भी सुविधाओं के आभाव में दयनीय बनी हुई हैं उनको गोद लिया जाएगा और सुविधाओं से वंचित ग्रामीणों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी , वहीं उत्तराखंड की ऐतिहासिक विरासत का संरक्षण व विकास के साथ ही उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने को लेकर रणनीति तैयार की गई।

इस दौरान बैठक में मौजूद लोगों ने बताया कि उत्तराखंड की ऐतिहासिक विरासत जिसमें मंदिर, ऐतिहासिक भवन,वाद्य यंत्र, पहनावा, परंपराए, त्यौहार, खानपान, बोली-भाषाएं, लोक गीत, लोक कलाकार, लोक नृत्य इन सभी का संरक्षण किया जाना बेहद आवश्यक है, जिसके बाद बैठक में तय किया गया की इन सभी धरोहरों को चयनित कर जल्द ही सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण को लेकर कार्ययोजना तैयार की जायेगी।

इस मौके पर मनोज पंत,कविता जोशी,मनोज डंगवाल, सौरभ रावत, दीपक मलकानी,अभिषेक साह,अभिषेक मेहरा,नीरज जोशी,गौरव पांडे,अनिल घिल्डियाल, नर सिंह कुंवर,राजेश,साह, धर्मेंद्र,कैलाश,कविता मेहता,राधा तिवारी,विनीता, सुनीता जोशी,रामपाल मेहता,विजय भट्ट,विवेक भट्ट,शंकर दत्त पांडे,दामोदर पांडे,जगदीश,चंदन किरौला,सुरेश कांडपाल आदि मौजूद रहें।


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