गड़बड़झाला : ऐसी नींद की दवा खिलाकर रखी है अधिकारियों को की अवैध निर्माण हो जा रहे है पूरे जिम्मेदारी किसकी ?

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नैनीताल। नैनीताल की ठंडी सड़क पर स्थित पाषाण देवी मंदिर के ऊपर स्थित केपी होस्टल की तलहटी से बीते माह जुलाई में अतिवृष्टि के चलते भूस्खलन हो गया था जिससे ठंडी सड़क मार्ग आवाजाही के लिए पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया था। वहीं 9 सितंबर को डीएम के आदेश के बाद लोनिवि ने 8.31 की लागत से क्षेत्र का अस्थायी ट्रीटमेंट शुरू कर दिया। टीम ने पहाड़ी पर पाइप और जियो वायर गेट व जियो बैग की दीवार लगाना शुरू कर दिया था जिसके बाद एक बार फिर मूसलाधार बारिश के चलते अस्थाई जियो बैग की दीवार भरभराकर झील में समा गई। जिसके चलते दरार छात्रावास के भवन तक जा पहुचीं लेकिन 6 माह बीत जाने के बाद भी ठंडी सड़क का ये मार्ग बाधित ही है। मलबा अब भी रास्ते के बीच पड़ा है। खानापूर्ति के नाम भूस्खलन प्रभावित पहाड़ी में दो फिट की दूरी पर तीन इंच मोटे पाइप को हैमर मशीन से ज़मीन के अंदर डालकर ऊंची दीवार जरूर बनाई गई लेकिन आज भी ठंडी सड़क के मार्ग पर पाषाण देवी मंदिर के समीप मलबा पड़ा है रास्ता अब भी बन्द है जिसकी वजह से मल्लिताल क्षेत्र के लोगो को तल्लीताल होकर पाषाण देवी मंदिर में दर्शन के लिए जाना पड़ रहा है और तल्लीताल क्षेत्र के लोगो को मल्लिताल होते हुए शनि मंदिर जाना पड़ रहा है,क्योंकि पाषाण देवी मंदिर और शनि देव मंदिर के बीच मे रास्ता बंद है।
अक्टूबर माह में आई आपदा के बाद इन रास्तों में और अधिक मलबा इक्कठा हो गया है। वहीं भावली नैनीताल रोड भी मरम्मत के इंतज़ार में और खस्ताहाल हुए जा रही है,बलियानाले में हुए भूस्खलन के बाद कृष्णापुर की जनता द्वारा सड़क बनाने की मांग आज तक पूरी नही हुई।

ठंडी सड़क पर स्थित केपी हॉस्टल की तलहटी में बीती जुलाई में हुआ भूस्खलन


साथ ही नगर में स्टॉफ हाउस,सात नम्बर क्षेत्र, इत्यादि जगहों पर कई जगह सड़के टूटी हुई है,लेकिन जिला प्रशासन का ध्यान इन मुख्य मार्गो की ओर कम और शहर के कायाकल्प पर ज़्यादा है।
इधर शहर के भीतर अवैध निर्माणों की झड़ी लग गयी है। कमाल की बात तो ये है कि प्राधिकरण एक ओर अवैध निर्माण को सील करता है,ध्वस्तीकरण के आदेश जारी करता है और वही सील बंद अवैध निर्माण कुछ दिनों में पूरा हो जाता है। प्राधिकरण की आंख के नीचे ये सब हो रहा है। नैनीताल का दुर्भाग्य है कि यहाँ प्राधिकरण और हाईकोर्ट दोनों है और शहर हर रोज बर्बाद हो रहा है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी यहाँ ग्रीन बेल्ट में धड़ाधड़ मकान बनाये जा रहे है। हैरानी की बात ये भी है कि आईएएस पीसीएस अधिकारी जो ज़िम्मेदार होने चाहिए वो इन मामलों को नजरअंदाज करते है। बार बार शिकायत करने के बाद भी कोई सख्त कार्यवाही नही करते। हाईकोर्ट के कुछ ही दूर रुकुट कम्पाउंड में बेहिसाब अवैध निर्माण हुआ लेकिन किसी ने संज्ञान नही लिया। इक्का दुक्का मीडिया में अवैध निर्माण के खिलाफ खबरे प्रकाशित होती है बाकी मीडिया भी अवैध निर्माण की खबरों को प्रकाशित करने से बचती है इसके पीछे क्या वजह है ये कहने की बात नही। प्राधिकरण के अध्यक्ष कुमाऊं कमिश्नर, उपाध्यक्ष कुमाऊं मंडल विकास निगम के एमडी और सचिव प्राधिकरण सभी को शहर में हो रहे अवैध निर्माण की जानकारी है लेकिन बावजूद इसके अब तक अवैध निर्माण पर रोक नही लगी। इसी तरह भारी निर्माण होता रहा तो खूबसूरत शहर नैनीताल देखते ही देखते तबाह हो जायेगा और इसका ठीकरा एक दूसरे पर ही फोड़ा जाएगा।


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