नैनीताल। मानसून सीजन के दौरान एक बार फिर से बलियानाला क्षेत्र पर भूस्खलन का संकट मंडरा रहा है। प्रशासन की ओर से यहां के लिए पुख्ता सुरक्षा कार्य अभी तक धरातल पर नहीं उतर पाए हैं। वहीं, नगर पालिका की ओर से मानसून में जगह खाली करने के नोटिस देने के बावजूद भी लोग यहां से हटने को तैयार नहीं है, जिससे प्रशासन की चिंता बढ़ गई है।
बता दें की 2 सप्ताह पहले नगर पालिका की ओर से बलियानाला भूस्खलन क्षेत्र में आने वाले हरिनगर व आसपास इलाके के बेहद संवेदनशील क्षेत्र में रह रहे 55 परिवारों को जगह खाली करने के नोटिस भेजे गए थे। लेकिन यहां रह रहे लोगों ने नोटिस तक रिसीव नहीं किए।
वहीं बलियानाला परिक्षेत्र काफी संवेदनशील है और यहां आए भूस्खलन के बाद बीते दशकों में चार दर्जन परिवारों वाला रिहायशी रईस होटल नेस्तोनाबूत हो गया है। अब इसे समीपवर्ती हरिनगर, बूचड़खाना, जीआईसी को खतरा हो गया है। जबकि यहां वीरभट्ट मार्ग से लगे मल्ला व तल्ला कृष्णापुर के भी खतरा बढ़ता जा रहा है। वर्ष 2018 में आए भयावह भू-स्खलन ने लोगों को दहला दिया था। जिसके बाद से इसकी रोकथाम के लिए भू विशेषज्ञ समेत विभागीय अधिकारियों ने यहां सर्वे किये लेकिन यहां सुरक्षा कार्य करवाए जाने को लेकर अभी डीपीआर का कार्य पूरा हुआ है। जिसमें पुणे की एक कंसलटेंसी एजेंसी ने डेढ़ सौ करोड़ की डीपीआर तैयार की है, जिसमें बलियानाला क्षेत्र का ट्रीटमेंट का कार्य पूरा होना है। इसलिए हर वर्ष की भांति मानसून के समय पालिका की ओर से यहां रिहायशी इलाकों को खाली करा दिया जाता है जिससे कोई जनहानि ना हो। नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी अशोक वर्मा का कहना है कि जगह खाली कराने को लेकर नोटिस भेजे गए थे। जिन्हें लोगों ने रिसीव नहीं किया है। इस बारे में अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।
Rohit Verma
संपादक