नैनीताल: राज्य आंदोलनकारियों के चिन्हीकरण में आ रही दिक्कतों को दूर करने को लेकर राज्य आंदोलनकारियों के द्वारा जिलाधिकारी के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नाम ज्ञापन भेजा। मंगलवार को उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी संगठन द्वारा जिलाधिकारी कार्यालय पहुंच कर एक दिवसीय प्रदर्शन किया और आंदोलनकारियों के चिन्हीकरण में आ रही दिक्कतों को दूर करने की मांग की। राज्य आंदोलनकारी प्रभात ध्यानी का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा केवल उन लोगों को आंदोलनकारी माना जा रहा है जिनका नाम पुलिस रिकॉर्ड एलआईयू रिपोर्ट व अस्पताल में दर्ज है। प्रभात ने कहा कि आंदोलनकारियों के द्वारा आवेदन के लिए जब पुलिस से रिकॉर्ड मांगे तो पुलिस द्वारा 1994 से लेकर 1997 तक के अधिकांश रिकॉर्डर को नष्ट करने की बात कही है। ऐसे में पुलिस के पास भी उस समय के आंदोलनकारियों की जानकारी व रिकॉर्ड नहीं है जिस वजह से राज्य आंदोलन में प्रतिभाग करने वाले लोग राज्य आंदोलनकारियों के आवेदन से अछूते रह गए हैं। लिहाजा सरकार अपने मानकों में बदलाव करें अन्यथा आंदोलनकारी प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे।
इस दौरान नैनीताल के पूर्व विधायक नारायण सिंह जंतवाल ने कहा कि आंदोलनकारियों की मांग के बाद धामी सरकार द्वारा पुनः आंदोलनकारियों के चिन्हीकरण के आदेश जारी किए। लेकिन सरकार द्वारा आवेदन के नियमों को जटिल बना दिया गया। जिस वजह से कई आंदोलनकारी उन जटिलताओं को पूरा नहीं कर पा रहे हैं लिहाजा सरकार अपने नियमों में बदलाव लाए। इस दौरान प्रभात ध्यानी, पूरन मेहरा,किशन पाठक, हरेंद्र बिष्ट, देवी दत्त पांडे,जगदीश पांडे, दीपुली देवी,कृष्णानंद जोशी, देवेंद्र मेहरा, केएल आर्य,गणेश लाल आदि मौजूद रहे