औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने से, आर्थिक स्थिति में सुधार संभव हैं– प्रो. ललित तिवारी

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नैनीताल। जन औषधि दिवस के अवसर पर कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल के शोध एवम प्रसार निदेशक प्रो.ललित तिवारी ने राजकीय स्नाकोत्तर महाविद्यालय रामनगर द्वारा आयोजित औषधीय पौधे रोजगार एवं अवसर कार्यक्रम में ऑनलाइन व्याख्यान दिया । कार्यशाला में प्रो.तिवारी ने कहा कि भारत में 7500 पौधे औषधि गुण से भरे हुए है जबकि भारतीय हिमालय क्षेत्र में 1748 व उत्तराखंड में 702 जिसमें से 250 का उत्तराखंड से व्यापार होता है ।विश्व की आर्थिकी के साथ साथ हिमालय राज्यों के पर्वतों में मेडिसिनल प्लांट्स की खेती की जा सकती है। प्रो.तिवारी ने कहा कि उत्तराखंड में औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने की जरूरत है जिससे आर्थिकी में बढ़ोतरी की जा सकेगी। उन्होंने अतीस, कूट, हट्ठाजारी, सतुआ, मैदा, महामेद्दा, बज्रदंती, नैरपति, हरर, बहेरा ,ईसबगूल ,कुमारी , सूनपत्ता, अश्वगंधा , पीपली, तुलसी, बैल, अपामार्ग, सतावर, पुनर्नवा, साथपर्णी, गिलोय व स्वूनाक की जानकारी दी गई।

इस दौरान डॉ. पीसी पालीवाल, डॉ. डीएन जोशी व डॉ. दीपक खाती आदि मौजूद रहे।


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