भवाली टीआरसी को 1988 के बाद भूल गई सरकार

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-खस्ता हाल कमरों में रहने को तैयार नही होते पर्यटक

::अनदेखी::

भवाली। सरकारी इमारतों को बनाने के बाद सरकार अपना पल्ला झाड़ लेती है। इसका अच्छा उदाहरण भवाली में 1988 में बने पर्यटक आवास ग्रह का है। इसके बनने के 33 साल बाद भी सरकार ने अनदेखी कर रखी है। भवन जर्जर हालत में सरकारी कार्यप्रणाली से अपनी दास्ता बया कर रहा है। टीआरसी का तत्कालीन उत्तर प्रदेश पर्वतीय राज्य विकास मंत्री राम औतार दीक्षित ने इसका उद्घाटन 20 अप्रैल 1988 में किया था। उसके बाद अब तक सरकार इसका लाभ उठाती रही। अब इस 9 कमरों के भवन में फफूंदी लग गई है। कमरों बाथरूम दीवारों में पपड़ी जमने से पर्यटक कमरा देखने के बाद यहां रुकने को तैयार नही रहते। जिससे यह सरकारी अनदेखी के भेंट चढ़ गया है।

स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने कई बार इसको लेकर मुख्यमंत्री विधायक से वार्ता की लेकिन धरातल पर कुछ नही हो पाया। बाजार के बीच मे होने से आये दिन नेतागण, शादी विवाह, नामकरण संस्कार, वीआईपी कार्यक्रम यहां होते रहते हैं। वावजूद इसके भवन की हालत खस्ता बनी हुई है। भवाली टी आर सी प्रबन्धक का कहना है कि भवन के मरम्मत के लिए कई बार प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। अधिकारियों को खस्ता हालत होने की सूचना दी गई है। कार्रवाई होते ही मरम्मत कराई जाएगी। कुमाऊ मंडल विकास निगम के प्रबंध निदेशक का कहना है कि होटल मैनेजमेंट का ट्रेनिंग सेंटर खोलने का प्रपोजल था। उस पर कार्य किया जा रहा है। रिपेयरिंग के लिए निगम की हालत फिलहाल सही नही है। शासन को 20 प्रोजेक्ट भेजे हैं। उसका पैसा आते ही भवाली टीआरसी में काम शुरू कर दिया जाएगा।


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